उदर श्वसन-थकावट और मानसिक तनाव से मुक्ति

उदर श्वसन

नवजात शिशुओं को उदर  श्वसन करते हुए देखा होगा, नवजात शिशु जब सांस लेते है तो  उनका  पेट गुब्बारे की तरह फूल जाता है और फिर सांस छोड़ते वक्त पेट धीरे-धीरे पिचकने लगता है और सांस छोड़ दी जाती है| यह सांस लेने की सबसे उत्तम विधि है|

जैसे-जैसे हम वयस्क होते हैं हमारे सांस लेने और सांस छोड़ने की प्रक्रिया छोटी हो जाती है जिसकी वजह से हम थकावट महसूस करते हैं | हमारे  फेफड़े भी कमजोर होने लगते हैं क्योंकि हम पूरे दिन छोटी सांसे लेते और छोटी सांसे छोड़ते हैं|

हमारी आने और जाने वाली सांसे रक्त के साथ घुल कर हमारी कोशिकाओं तक पहुंचती है| इन कोशिकाओं तक रक्त की मदद से जब ऑक्सीजन की सप्लाई होती है तो हमारी कोशिकाएं बेहतर तरीके से काम करती हैं ,लेकिन वही जब सांसो का लेना और छोड़ना कम हो या छोटा हो तो हमारी कोशिकाओं में रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन कम पहुंचता है और इसीलिए हमें थकावट जल्दी होती है

 प्रतिदिन अगर हम मात्र 10 मिनट उदर श्वसन का अभ्यास कर लिया करें तो इससे  हमारे रक्त में ऑक्सीजन  की मात्रा बढ़ेगी और वह कोशिकाओं तक पहुंचेगी जिससे हमें शारीरिक और मानसिक थकावट नहीं होगी और साथ ही कई बीमारियां ठीक भी होंगी|

 उदर श्वसन करने का सही तरीका

सबसे पहले मन को शांत करके आप अपने पीठ के बल लेट जाएं और अपने शरीर को पूरी तरीके से ढीला छोड़ दें| 

अब  अपनी सहज स्वाभाविक सांसों के प्रति सजग रहें उसे किसी प्रकार  से नियंत्रित ना करें उसे पूरी तरीके से स्वाभाविक ही रहने दें कुछ समय तक स्वाभाविक श्वास प्रश्वास  को मानसिक रूप से देखते रहे|

अब दाहिने हाथ को नाभि के ठीक ऊपर पेट पर और बाएं हाथ को अपनी छाती पर रखें|  नाक से सांस लें और पेट को गुब्बारे की तरह फुलाए  और सांस छोड़ते समय पेट को पूरा पिचका दें |

 दाहिना हाथ सांस लेने के साथ  ऊपर और  सांस  छोड़ने के साथ नीचे जाएगा लेकिन बायाँ  हाथ सांस के साथ नहीं  हिलना चाहिए | 

पेट में किसी प्रकार का तनाव ना रहे किसी भी प्रकार से बल प्रयोग ना करें|  छाती को फैलाने का प्रयास भी ना करें और ना ही कंधों को हिलाएं  डुलाएँ|  

अनुभव करें कि पेट  फैल और सिकुड़ रहा है धीमा और गहरा  श्वसन  करते रहे पेट को जितना संभव हो फुलाए और सांस लें लेकिन छाती को ना फैलाएं|

इस तरीके से सांस लेने और छोड़ने से हमारी सांसे गहरी होती हैं और साथ ही फेफड़े की कार्य क्षमता बढ़ती है|

 उदर श्वसन करने के फायदे

  •  थकावट नहीं लगती दिनभर शरीर में ऊर्जा बनी रहती है|  
  •  फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है और फेफड़े मजबूत होते हैं|
  •  शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है|
  •  शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है|
  •  मन शांत होता है अच्छी नींद आती है|
  •  चिंता दूर  कर मानसिक तनाव को दूर करता है|
  •  डायग्राम की अच्छी कसरत होने की वजह से सांसे और गहरी होती हैं|
  •  चेहरे पर  नेचुरल ग्लो आता है त्वचा खिली खिली  रहती है|
  •  पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है|
  •  सभी आंतरिक अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है|

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